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मन में मेरे उत्सव जैसा हो जाता है /ओमप्रकाश यती
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16:00, 22 नवम्बर 2010
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रचनाकार=ओमप्रकाश यती
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मन में मेरे उत्सव जैसा हो जाता है
जब आते हैं घर में मेरे माँ-बाबूजी
मेरा मन फिर से इक बच्चा हो जाता है
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Omprakash yati
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