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पहाड़ी खानाबदोशों का गीत / अजेय
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07:09, 23 नवम्बर 2010
सहेज लेना चुपके से
थोड़ी सी मिट्टी और कुछ नायाब बीज
अगले बसंत में हम फिर लौटेंगे !
कारगा, 20.11.2009
</poem>
अजेय
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