गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
उम्र / पंखुरी सिन्हा
22 bytes added
,
11:04, 24 नवम्बर 2010
<Poem>
''' उम्र '''
जैसे सुबह उठकर कोई शीशे में देखे,
कि कुछ बाल कनपटी पर सफ़ेद हो गए हैं,
Dr. Manoj Srivastav
635
edits