वो भी हैं जो हाथ में लेकर शमशीर
कत्लो-ग़ारत फैलाते हैं बे-पीर
कितने बे-दर्दो-बे-हिस हैं वो लोग
है हर कसो-नाकस ही उनका नखचीर।
वो भी हैं जो हाथ में लेकर शमशीर
कत्लो-ग़ारत फैलाते हैं बे-पीर
कितने बे-दर्दो-बे-हिस हैं वो लोग
है हर कसो-नाकस ही उनका नखचीर।