अभी भी ज़िन्दा है मेरे भीतर
गुरिल्ला छापामार
बेहतर दुनिया के लिए लड़ने को तैयार
पर एक कायर से
उसकी दोस्ती है
जो उसे यही समझाता रहता है
दूसरों के लिए लड़ोगे
तो मारे जाओगे
सच कहता हूँ
यही है मेरे जीवन की व्यथा
सपना देखा उस गुरिल्ला ने
जीवन जिया इस कायर ने