जन्मी है शक्ति
गरीब की उपजाऊ धरती से
बेबसी में ही बढ़ी है
हमारी महान
सामर्थ्य
दो मुझे
दो शक्ति
जिसे हृदय ने रोपा है
जिसे रोप कर काटा है आदमी ने
और मापा है
फांसी के फंदों से.
जन्मी है शक्ति
गरीब की उपजाऊ धरती से
बेबसी में ही बढ़ी है
हमारी महान
सामर्थ्य
दो मुझे
दो शक्ति
जिसे हृदय ने रोपा है
जिसे रोप कर काटा है आदमी ने
और मापा है
फांसी के फंदों से.