रोगी दू, तेॅ डॉक्टर पाँच
शहरोॅ के मत महिमा बाँच।
गाछ कहाँ छै, नदी कहाँ छै?
जाड़ोॅ में धधकै छै आँच।
खेत कहाँ खलिहान कहाँ छै?
खाली ईंटा, पत्थर, काँच।
गाँवोॅ के मन केॅ की जाँचै
पहिले अपनोॅ मन के जाँच।
झूठ नै जरियो हमरा भावै
जे बोलै छी, बिल्कुल साँच।