शान्ति दो, शान्ति दो
चाहे वह कान्ति कि बहन ही क्यों न हो
और वह नहीं दो तो कान्ति ही दो
फिर चाहे शान्ति भी दे देना
पर तब दया करके वह नहीं
जो कान्ति की बहन है ।
शान्ति दो, शान्ति दो
चाहे वह कान्ति कि बहन ही क्यों न हो
और वह नहीं दो तो कान्ति ही दो
फिर चाहे शान्ति भी दे देना
पर तब दया करके वह नहीं
जो कान्ति की बहन है ।