Last modified on 30 दिसम्बर 2007, at 00:54

शायद एक नदी / उंगारेत्ती

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: उंगारेत्ती  » संग्रह: मत्स्य-परी का गीत
»  शायद एक नदी


यहाँ कोहरा है घना

हमें अपनी लय में समोता हुआ

यह स्रोत है शायद एक नदी का

मैं सुनता हूँ यहाँ मत्स्य-परी का गीत

झील के इस पार

जहाँ शहर था कभी ।