पृथ्वी के उच्चतम शिखर पर
अपने पैर जमा कर
खड़ा था शेरपा
वह शरीक था, बावन साल पहले
एवरेस्ट आरोहण के
ऐतिहासिक क्षणों में
उसे याद करते हुए
मेरी स्मृति में
दाख़िल होता है
शालीग्राम पराजुली
वह निष्कपट गोरखा
और हम आइस-पाइस जैसा
कोई खेल खेलते हैं
छब्बीस साल पुराने अतीत में
क़द-काठी के सख़्त मेरे उस
दोस्त का हृदय था उतना ही
नरम, रो पड़ता था वह
जरा सी छेड़-छाड़ पर
माँ नहीं थी उसकी,
ऐसा बताते थे
खेलते थे जब आपस में
हम तो, दो भाषाएँ भी
खेलती थीं साथ
और झगड़े नहीं कभी
आपस में हम
शालीग्राम पराजुली
वह तुम्हारा पूर्वज ही था
जो पृथ्वी के उच्चतम शिखर पर
बावन साल पहले खड़ा था
अब इस पृथ्वी पर
ढूँढता हूँ तुम्हारे
क़दमों के निशान ।