मैंने कभी शोर नहीं चाहा।
हमेशा चुप रहा मैं
फिर भी लगातार चीखा है
एक जानवर
मेरे भीतर
और न सुन पाया तुम्हारी कोई पुकार ।
1992
मैंने कभी शोर नहीं चाहा।
हमेशा चुप रहा मैं
फिर भी लगातार चीखा है
एक जानवर
मेरे भीतर
और न सुन पाया तुम्हारी कोई पुकार ।
1992