श्रीकांत वर्मा का जन्म बिलासपुर, मध्यप्रदेश में हुआ। ये गीतकार, कथाकार तथा समीक्षक के रूप में जाने जाते हैं। ये राजनीति से भी जुडे थे तथा लोकसभा के सदस्य रहे। 'भटका मेघ, 'मायादर्पण, 'जलसाघर, 'दिनारंभ, 'गरुड किसने देखा है तथा 'मगध इनकी काव्य-कृतियां हैं। 'झाडियां तथा 'संवाद इनके कहानी-संग्रह है। 'बीसवीं शताब्दी के अंधेरे में एक आलोचनात्मक ग्रंथ है।