(१)
भीरु पूर्व से ही डरता है, कायर भय आने पर,
किन्तु, साहसी डरता भय का समय निकल जाने पर।
(२)
संकट से बचने की जो है राह,
वह संकट के भीतर से जाती है।
(१)
भीरु पूर्व से ही डरता है, कायर भय आने पर,
किन्तु, साहसी डरता भय का समय निकल जाने पर।
(२)
संकट से बचने की जो है राह,
वह संकट के भीतर से जाती है।