नहीं
रामचरण नहीं था
न मदन था न रामस्वरूप
कोई और था
उस दिन
मेरे साथ
जिसने
सतपुड़ा के जंगलों में
भूख की शिकायत की न प्यास की
जिसने न छाँह ताकी
न पूछा कितना बाक़ी है अभी
ठहरने का ठिकाना और
नहीं
रामचरण नहीं था
न मदन था न रामस्वरूप
कोई और था
उस दिन
मेरे साथ
जिसने
सतपुड़ा के जंगलों में
भूख की शिकायत की न प्यास की
जिसने न छाँह ताकी
न पूछा कितना बाक़ी है अभी
ठहरने का ठिकाना और