सबसे पहले
उन्हें आरती का अवसर दो
जो सपनों की थाती के
हक़दार सही हैं
यानी बच्चे
निपट मूढ़मति
जो कहलाते
यानी जो हैं मन के सच्चे
जिनकी है
झोली खाली- उनको यह वर दो
रहा हाशिए पर जो
सारी उम्र
उसी का पहला हक़ है
उस कुम्हार का
जिसने सिरजा
हाँ, पूजा का यह दीपक है
उसका दीया
उसके हाथों में धर दो
जो सीपी को
शंख बनाते
वही पुजारी हैं मंदिर के
देव उसी
भोले किशोर के
जिसके पाँव सहज हैं थिरके
सौंप उन्हें ही
भोले भंडारी का घर दो