प्रेम पाना
आसान है
इसके लिए
अहं को कूटना
पीसना है
बस थोड़ा सा
सरल होना है
और
सरल होना शायद!
कितना कठिन!
पर मेरे लिए नहीं,
कबीर को थोड़ा तो समझा है!
प्रेम पाना
आसान है
इसके लिए
अहं को कूटना
पीसना है
बस थोड़ा सा
सरल होना है
और
सरल होना शायद!
कितना कठिन!
पर मेरे लिए नहीं,
कबीर को थोड़ा तो समझा है!