Last modified on 28 नवम्बर 2013, at 23:26

समतोल / कन्हैया लाल सेठिया

ले’र
समदर री
अणगणित लैरां स्यूं
अंसदान
रचै सूरज
अमरित स्यूं भरोडया बादळ
जका बरस’र
पाछो दे दवै लैरां रो दायभाग
आ है सिसटी रै समतोल रो
परतख परमाण
राखै सिरजण’र बिसरजण
आखै बिरमांड नै गतिमान !