आगे ही आगे
भाग रहा है समय
और मैं उसे पकड़ने के लिए
भागता जा रहा हूँ उसके पीछे
गुज़र गए
न जाने कितने नदी, जंगल, पहाड़
न जाने कितने पड़ाव छूट गए राह में
दौड़ लगी है समय से मेरी
थकूँगा नहीं मैं
रुकूँगा नहीं मैं
लाँघता ही जाऊँगा सारी बाधाएँ
अनवरत अविश्राम
भाग रहा है समय
आगे ही आगे
और मैं उसे पकड़ने के लिए
भागता जा रहा हूँ उसके पीछे