Last modified on 12 जनवरी 2008, at 15:39

समय की आत्मकथा./ विचिस्लाव कुप्रियानफ़

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: विचिस्लाव कुप्रियानफ़  » संग्रह: समय की आत्मकथा
»  समय की आत्मकथा.



मेरे बारे में हमेशा कहा जाता है कि

मैं नहीं हूँ

पर मैं चलता रहता हूँ हमेशा


मैं उनकी प्रतीक्षा नहीं करता

जो मुझे ढूंढ नहीं पाते

उनके पास से दूर चला जाता हूँ

जो चाहते हैं मुझे मूर्ख बनाना


ठहर जाता हूँ मैं उनके पास

जिनके पास महसूस करता हूँ अपनापन

जिनके प्यार भरे दिल में जगह है मेरे लिए

और मेरी सुइयों की कद्र है


आख़िर

मेरी पहुँच में है

सब कुछ