बिजली और बादल से
नींद का अवश्य कोई सम्बन्ध है
कि इधर वे चमके-कड़के
उधर वह उठ बैठा तड़के
बरसात और बदली का सम्बन्ध भी
ज़रूर होगा अन्धकार से
ठीक इसके उलट
अभी-अभी उठकर
चल देने वाले का सम्बन्ध
जैसे अन्धी कोठरी से छनकर
आ रही किरण से है।
बिजली और बादल से
नींद का अवश्य कोई सम्बन्ध है
कि इधर वे चमके-कड़के
उधर वह उठ बैठा तड़के
बरसात और बदली का सम्बन्ध भी
ज़रूर होगा अन्धकार से
ठीक इसके उलट
अभी-अभी उठकर
चल देने वाले का सम्बन्ध
जैसे अन्धी कोठरी से छनकर
आ रही किरण से है।