कुछ अरसा हुआ
पुलिस मुझे तलाश रही है
मैंने किसी की हत्या नहीं की
मैंने सरकार के खि़लाफ़ कोई लेख भी नहीं लिखा
सिर्फ़ तुम जानती हो, मेरी प्रियतमा
कि जनता के लिए कितना त्रासद होगा
अगर सरकार महज़ इस कारण मुझसे डरने लगे
कि मैं एक मज़दूर हूँ
अगर मैं क्रान्तिकारी या बाग़ी होता
तब क्या करते वे?
फिर भी उस लड़के के लिए यह दुनिया
कोई बहुत ज़्यादा बदली नहीं है
जो स्कूल की सारी किताबों के पहले पन्ने पर
अपनी तस्वीर छपी देखना चाहता था।
अँग्रेज़ी से अनुवाद -- गीत चतुर्वेदी