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सवारियाँ / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल

सवारियाँ
जिनका सामान
पीछे छूट गया।

तेज़ दौड़ती गाड़ी के
दरवाज़े पर खड़ीं
उतरने के बारे में सोचतीं
कोई सपनों जैसा सामान।

मूल पंजाबी से अनुवाद : सत्यपाल सहगल