सांस
निकळयो’र बापड़ी
माटी खिंड ज्यासी-
आ थारी कळपना ही थोथी है !
मौत तो
जिनगानी रै
बिखरयोड़ै पानाँ री
जिल्द बाँध्योड़ी पोथी है !
सांस
निकळयो’र बापड़ी
माटी खिंड ज्यासी-
आ थारी कळपना ही थोथी है !
मौत तो
जिनगानी रै
बिखरयोड़ै पानाँ री
जिल्द बाँध्योड़ी पोथी है !