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सार-दो / मुकेश मानस


जो तुम्हारे पास है
उसकी कदर करो

जो तुम्हारे पास नहीं है
उसकी चिंता छोड़ो

जो छूट गया पीछे
उसके बारे में सोचना ही क्या
2007-08