Last modified on 4 जुलाई 2014, at 07:06

सित्तर / प्रमोद कुमार शर्मा

बै बोलै भोत है
टेलीविजन रै पड़दै ऊपर
-हिड़दै ऊपर
आपणै पड़ै ठाडो परभाव खतरनाक
कदैई कटज्यै हाथ-पैर, कदैई कटज्यै नाक!

पछै भी आ चित्रावली आपांनै पसंद है
पण अेक उदास भाखा ई कैसी
-ओ कैड़ो दंद-फंद है
बीं दिन भाखा विधवा हूसी
-बिड़दै ऊपर।