Last modified on 4 मई 2015, at 16:06

सींव / निशान्त

सींव भाऊं किणीं
देश री हुवै का
प्रदेश री
बीं रै आर-पार
दूर-दूर तांई
कीं नीं हुवै
बदळेड़ो

न तो माटी रो रंग
न पेड़-पौधा
न लोगां रो पै ’राण
न बोली

‘साइन बोर्ड’ नीं टंगेड़ो हुवै तो
कीं ठा नीं पड़ै

फेर सींव मौजद हुवै
सो कीं बांटती ।