चीटियां बहुत हैं यार मीठा तो मीठा करती है नमकीन तक से प्यार पकाऊं चावल चाहे रोटी लिखा है किस्मत में एक शाम उपवास कितना चालूं आटा कितना ढकूं ग्लास बस इतनी सी बात दे मग भर पानी थोड़ी तेज बास