खावै हरियल घास रो खेत
उछळै-कुदै राखे चेत
स्याणो-माणो मन बसियो
म्हारो लाडेसर सुसियो
अनुवाद :- श्रीमती राजेश्वरी पारीक " मीना "
खावै हरियल घास रो खेत
उछळै-कुदै राखे चेत
स्याणो-माणो मन बसियो
म्हारो लाडेसर सुसियो
अनुवाद :- श्रीमती राजेश्वरी पारीक " मीना "