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सूरज / सुदर्शन प्रियदर्शिनी


उस दिन
कोई आया
मेरे आंगन
में ढेर सारा
बुक्का- भर
सूरज का
बिखेर गया ...
मैंने उठा कर
माथे को छुया
और मुहं पर
मल लिया ....!.