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सूर्योदय-पूर्व / बलदेव वंशी

अछोर अंधकार सघन,ऊपर
हिल्लौलता हूकता हुंकारता जल नीचे,फेनिल
सागर तट पर...
अचानक, अंगार रेखा दिख गई
लो !
अग्नि के ओभ-विलास की
अनु-लिपि सहसा लिख गई !
अंगार रेखा दिख गई...