सृष्टि बारे सब धर्मां नै न्यारा-न्यारा अन्दाज लगाया॥
देवी भगवती पुराण न्यों बोले एक देवी संसार रचाया॥
1
ब्रह्मा के भगत जगत मैं ब्रह्म को जनक बताते भाई
शिव पुराण का किस्सा न्यारा शिव जी जनक कहाते भाई
गणेश खण्ड न्यों कहवै गणेश जी दुनिया चलाते भाई
सुरज पुराण की दुनिया सुरज महाराज घुमाते भाई
विष्णु आले न्यों रुक्के मारते विष्णु की निराली माया॥
2
विष्णु और महेश के चेले दुनिया मैं घणे बताये देखो
आपस मैं झगड़ा करकै कई बै सिर फड़वाये देखो
आपस की राड मेटण नै त्रिमूर्ति सिद्धांत ल्याये देखो
ब्रह्मा पैदा करैं विष्णु पालैं शिव नै संहार मचाये देखो
बाइल नै सबतै हटकै पैगम्बर का नाम चलाया॥
3
यो बुद्धमत उभर कै आया त्रिमूर्ति का विरोध किया
जैन मत बी गया चलाया नहीं दोनों को सम्मान दिया
यहूदी और धर्म ईसाई एक ईश्वर को धार लिया
इस्लाम नै एक खुदा मैं अपणा लगाया फेर हिया
दुनिया मैं माणस नै एक ईश्वर सिद्धान्त पनपाया॥
4
बिना सोचें समझें इसाइयाँ नै परमेश्वर गले लगाया सै
मुसलमान क्यों पाछै रहवैं यो अल्लाह हाकिम बनाया सै
सिक्खां नै शब्द टोह लिये औंकार झट दे-सी सुनाया सै
हिन्दुआं नै तावल करकै नै ओइम दिल पै खिनवाया सै
माणस एक पर धर्म इतने जीवन क्यूकर जावै बिताया॥