स्नेहमयी चौधरी उत्तरप्रदेश के छोटे से गाँव मोरावाँ से एक साहित्यिक परिवार की सदस्या बन कर अपने जीवन साथी और कवि श्री अजित कुमार के साथ दिल्ली पहुँची और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध कालेज - जानकी देवी महाविद्यालय में अध्यापन करने लगीं। उनके भीतर का कविता-संसार निरंतर अभिव्यक्ति पाता रहा।