सुधि कर सुन्दर श्यामल शरीर
उठती उर में मम विषम पीर
कल-कल मय यमुना तीर तीर
कुसुमित कदम्ब कुल भ्रमर भीर
यह मन्द गन्ध शीतल समीर
कर रही आज मुझको अधीर
अलि अवलि जित असित अलक जाल
सुरचित चित हर कृत तिलक भाल
कज्जलित लोल लोचन रसाल
शोभित उर सुरभित सुमन माल
चन्दरन-चर्चित भुज चारू चीर
वह मधुर मधुर मुरलिका गीर
-आधुनिक काव्य संग्रह