सिलबट्टे से लेकर इमामदस्ते
जितने भारी रहे उतने ही
“कुटाई” में अव्वल रहें
"मिक्सर" के जमाने में “स्वाद” की अपेक्षा निरर्थक है ।
सिलबट्टे से लेकर इमामदस्ते
जितने भारी रहे उतने ही
“कुटाई” में अव्वल रहें
"मिक्सर" के जमाने में “स्वाद” की अपेक्षा निरर्थक है ।