ऊ दिन बहुते बुरा छेलै
हमरोॅ जीवन के
जबेॅ सूखी गेलोॅ छेलै
स्त्रोत ही
हमरोॅ आँसू के
सूखी गेलोॅ छेलै
हमरोॅ स्मृति
स्मृति केरोॅ अभाव
बदली दै छै जीवन केॅ
बालू में ।
ऊ दिन बहुते बुरा छेलै
हमरोॅ जीवन के
जबेॅ सूखी गेलोॅ छेलै
स्त्रोत ही
हमरोॅ आँसू के
सूखी गेलोॅ छेलै
हमरोॅ स्मृति
स्मृति केरोॅ अभाव
बदली दै छै जीवन केॅ
बालू में ।