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हमर सरकार / शीतल साहू

सुन वह सुकारो, सुन बुधारू भाई रे
ए दारी हमर देवारी आइस गा।

ये दे आहे गा किसान अउ कमैया के सरकार
हमर भुइयाँ अउ छत्तीसगढिया के सरकार।

अटेंशन डे ले तरसत रिहिस ए माटी के कोरा
करत रिहिस आपके छत्तीसगढिया पुत्र के अगोरा।

आपकी संस्कृति अउ आत्मा के सुध लेवैया
आपकी बोली अउ बचन के गरब बढैय्या।

नरवा, गरुवा, घुरवा अउ बारी ला मान देवैया
छत्तीसगढिया जीवन के चिन्हारी के सोर करैया।

हमर जल जंगल अउ ज़मीन खातिर जुझैया
विकास के नवा नदी बोहैया।

हमर पुरखा के आस के जोत जलैया
हमर संस्कृति के अंजोर बिगरैया।

ए धान के कटोरा के कोठी भरैया
ए माटी के स्वाभिमान बढैय्या
नवा छत्तीसगढ़ के गढ़ैया।

ए दारी आहे गा
किसान की सरकार
बनिहार अउ रोटीतिहार के सरकार
गरीबों की सरकार
दरिद् अउ पीड़ित के सरकार
धरम, सदभाव, शांति अउ सूत्रित के सरकार
संस्कृति, परम्परा, विकास अउ परगति के सरकार
आहे हमर छत्तीसगढिया सरकार।