रसूल का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें
हरिओम् तत्-सत्
हरिओम् तत्-सत्
काम करते रहो, नाम जपते रहो,
हरिओम् तत्-सत्
हरिओम् तत्-सत्
लगी आग लंका में हलचल मची थी,
विभीषण की कुटिया क्यूं फिर भी बची थी,
लिखा था यही नाम कुटिया के ऊपर,
हरिओम् तत्-सत्
हरिओम् तत्-सत्