जब भी सोचता हूँ
कि महत्वपूर्ण
हूँ मैं
एक मक्खी
चली आती है
कहती हुई —
कुछ भी नहीं हो तुम।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र
जब भी सोचता हूँ
कि महत्वपूर्ण
हूँ मैं
एक मक्खी
चली आती है
कहती हुई —
कुछ भी नहीं हो तुम।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र