हाँ बोलने में
जितनी लगती है
ठीक उससे दुगुनी ताक़त लगती है
नहीं बोलने में
हाँ बोलना यानी
शीतल हवा हो जाना
नहीं बोलना यानी
गरम तवा हो जाना
हाँ बोलने के बाद
कुछ भी नहीं करना होता है
बस मरना होता है
नहीं बोलने के बाद
लड़ना और भिड़ना होता है