हाइकु 101 / लक्ष्मीनारायण रंगा

थूं जगत में
जगत थारै मांय
पंचतत्व थूं


रचनाकार
अेक देही सूं जी लै
घणा जीमण


सीप्यां आप रो
काळजो चिरवावै
मोती जनमें

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.