तिरणो है तो
गै‘रै सागर तिर
आणंद आसी
मोमाखी भी
करै है भिण-भिण
छातो छेड़िया
सुपनो चावै
सुख रो कै दुख रो
जीवणो पड़ै
तिरणो है तो
गै‘रै सागर तिर
आणंद आसी
मोमाखी भी
करै है भिण-भिण
छातो छेड़िया
सुपनो चावै
सुख रो कै दुख रो
जीवणो पड़ै