काटतो रैयो
मिनख डावो अंग
खुद ई कट्यो
चावै है बै‘कै
अेकसा बोलो, सोचो
रैवो‘र जीवो
जे धरा नईं
तो नीं रै‘वै मेहत
आसमान रो
काटतो रैयो
मिनख डावो अंग
खुद ई कट्यो
चावै है बै‘कै
अेकसा बोलो, सोचो
रैवो‘र जीवो
जे धरा नईं
तो नीं रै‘वै मेहत
आसमान रो