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हाइकु 131 / लक्ष्मीनारायण रंगा

कम बोलणो
जीवण रो है सार
हाइकु बण


अेक ई पुळ
जीवण-मिरतु रो
ओ समसाण


ई बाग मांय
थोड़ा रूंख अकासी
घणा बावनां