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हाइकु 153 / लक्ष्मीनारायण रंगा

इण धरती पर
फूल कांटा सै पळै
इण नैं कै मां


बाळिका हुवै
ज्यूं रबड़ री दड़ी
फूलां री छड़ी


बाळकां माथै
जमा रैया हां तोता
शिक्षा रै नामें