आंधी कोनी आ
मन री होबाड़ है
मरूभोम री
जीवण तो है
खेल लूणाघाटी रो
भंवता ई रौ
धरती सै‘वै
सगळां री धमीड़ा
माता है नीं आ
आंधी कोनी आ
मन री होबाड़ है
मरूभोम री
जीवण तो है
खेल लूणाघाटी रो
भंवता ई रौ
धरती सै‘वै
सगळां री धमीड़ा
माता है नीं आ