भाग्य‘र कर्म
सिक्के रा है दो पाखा
सागै ई चालै
डावी जीवणी
दो आंख्यां जीवण री
फेर भेद क्यूं ?
बोली लगाओ
मनचावा खरीदो
मिनख मंडी
भाग्य‘र कर्म
सिक्के रा है दो पाखा
सागै ई चालै
डावी जीवणी
दो आंख्यां जीवण री
फेर भेद क्यूं ?
बोली लगाओ
मनचावा खरीदो
मिनख मंडी