आज गरूड़
बंधोड़ा नागपास
छोडावै कुण
पोथीखानां तो
उडीकै पाठकां नै
रोवै किताबां
मन-मिरगा
कठै ढूंढै कस्तुरी?
अंतस छाण
आज गरूड़
बंधोड़ा नागपास
छोडावै कुण
पोथीखानां तो
उडीकै पाठकां नै
रोवै किताबां
मन-मिरगा
कठै ढूंढै कस्तुरी?
अंतस छाण