माथो कटावै
माथो नईं झुकावै
मरू रा पूत
प्राण लुटाया
पण कौल निभाया
पाबू-गोगाजी
प्रेम दीवाणी
मीरां नै जन्मा सकै
बस आ धरा
माथो कटावै
माथो नईं झुकावै
मरू रा पूत
प्राण लुटाया
पण कौल निभाया
पाबू-गोगाजी
प्रेम दीवाणी
मीरां नै जन्मा सकै
बस आ धरा