राजकाज री
जे नहीं है लोकभासा
नीं लोकतंत्र
जन भासा में
नईं करणो राज
साफ अन्याय
राजस्थानी में
सै मांगों हो थे वोट
मन में खोट
राजकाज री
जे नहीं है लोकभासा
नीं लोकतंत्र
जन भासा में
नईं करणो राज
साफ अन्याय
राजस्थानी में
सै मांगों हो थे वोट
मन में खोट