सूँड़ घूमाते, कान हिलाते,
मस्त झूमते हुए चलें।
जहाँ दिखे गन्ना, लेने को-
हाथी दादा झट मचलें।
[हिंदुस्तान, 28 जुलाई 1996]
सूँड़ घूमाते, कान हिलाते,
मस्त झूमते हुए चलें।
जहाँ दिखे गन्ना, लेने को-
हाथी दादा झट मचलें।
[हिंदुस्तान, 28 जुलाई 1996]